सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

दोस्त पर भरोसा । (Girlfriend aur wife)

हर किसी को अपना दोस्त नहीं बनाना चाहिए। 
बना भी लिए तो अपनी बाली से मिलाओ but contact नही बनने दो । 
नीचे exampal तो देख ही रहे हो । 
समझदार बनिए , सुरक्षित रहिए । 

अलेक्जेंडर नाम के इस अंग्रेज ने पहले टाइगर श्रॉफ से दोस्ती की और फिर उसकी गर्लफ्रेंड दिशा पाटनी को ज्यादा मजा देकर उसे अपना बना लिया। इसके बाद दिशा ने टाइगर के पिछवाड़े में लात मार दी और उससे ब्रेकअप कर लिया
इसके बाद उसने हार्दिक पांड्या से दोस्ती की और उसकी पत्नी को भी इसी तरह अपना बना लिया। इसके बाद नताशा ने हार्दिक के पिछवाड़े में लात मार कर उसे तलाक ले लिया।
 इसीलिए मैं हमेशा कहता हूं दोस्त चाहे कितना ही जिगरी क्यों ना हो उसे कभी भी अपनी बंदी से नहीं मिलाना चाहिए। 

इस विषय में आपकी क्या राय है? Comment में जरूर लिखे । 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

knowledge1

कहानी : कैसे आया जूता ⧭

ब्रह्मचारिणी की कथा

करपदमाभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिणयनुनाया।                            माँ दुर्गा को नव शक्तियोंका दूसरा साप ब्रह्मचारिणीका है। यहाँ 'ब' शब्दका अर्थ तपस्या है। ब्रह्मचारिणी अर्थात् तपकी चारिणी-पका आचरण करनेवाली। कहा भी है-वेदस्तस्य तो ब्रह्म-वेद. तत्व और तप 'ब्रह' शब्दके अर्थ है। ब्रह्माचारिणी देवीका स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं आत्यस भयो।के दाहिने हाथ जपकी माला एवं बायें हाथमें कमण्डलु रहता है। अपने पूर्वजन्म जब हिमालयके घर पुत्री-शाप उत्पत्र जय भारदके उपदेशसे इमो भगवान् शङ्करजीको पति-रूपमें पास करनेके लिये अत्यन्त कठिन तपस्या की थी। सी दुष्कर तपस्याके कारण इन्हें तपाचारिणी अर्थात् प्रहाचारिणी नामसे अभिहित किया गया। एक हजार वर्ष उन्होंने केवल फल-मूल खाकर व्यतीत किये थे। सी वर्षातक केवल शाकपा निर्वाह किया था। कुछ दिनोंतक कठिन उपवास रखते हुए खुले आकाशके नीचे वर्षा और धूपके अचानक का सहे। इस कठिन तपक्षांके पश्चात् तीन हजार बर्षातक केबल जमीनपर टूटकर गिरे हए बेलपत्रोंको खाकर वह अहर्नि...

उल्लू का राज्याभिषेक

कौवों और उल्लुओं की शत्रुता बड़ी पुरानी है। मगर कितनी पुरानी और क्यों है इसका विचार कम ही लोगों ने किया अथवा करना चाहा। बौद्ध परम्परा में उपर्युक्त दो शत्रुओं के वैमनस्य की एक कथा प्रचलित है। यहाँ वही कथा एक बार फिर सुनाई जा रही है। सम्बोधि प्राप्त करने के बाद बुद्ध जब श्रावस्ती स्थित जेतवन में विहार कर रहे थे तो उनके अनुयायियों ने उन्हें उल्लुओं द्वारा अनेक कौवों की संहार की सूचना दी। बुद्ध ने तब यह कथा सुनायी थी। सृष्टि के प्रथम निर्माण चक्र के तुरंत बाद मनुष्यों ने एक सर्वगुण-सम्पन्न पुरुष को अपना अधिपति बनाया; जानवरों ने सिंह को ; तथा मछलियों ने आनन्द नाम के एक विशाल मत्स्य को। इससे प्रेरित हो कर पंछियों ने भी एक सभा की और उल्लू को भारी मत से राजा बनाने का प्रस्ताव रखा। राज्याभिषेक के ठीक पूर्व पंछियों ने दो बार घोषणा भी की कि उल्लू उनका राजा है किन्तु अभिषेक के ठीक पूर्व जब वे तीसरी बार घोषणा करने जा रहे थे तो कौवे ने काँव-काँव कर उनकी घोषणा का विरोध किया और कहा क्यों ऐसे पक्षी को राजा बनाया जा रहा था जो देखने से क्रोधी प्रकृति का है और जिसकी एक वक्र दृष्टि से ही लोग ...