सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

चीनः वन चाइल्ड पॉलिसी के बाद, अब कुत्तों के लिए नया कानून

   
news , hindi news aaj tak

                                        बीजिंग एजेंसी चीन में पालतू कुत्तों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी ने तमाम गंभीर सामाजिक समस्याएं खड़ी कर दी हैं। पालतू कुत्तों की तादाद में लगाम लगाने के लिए चीन के किंगदाओ शहर ने वन डॉग पॉलिसी का ऐलान किया है। शहर प्रशासन ने सोमवार को जारी दिशानिर्देश में कहा कि एक घर में एक ही कुत्ते को रखा जा सकेगा और हर किसी को पालतू कुत्ते का पंजीकरण कराना होगा और इसके लिए करीब 3800 रुपये देने होंगे। अलग-अलग प्रजाति के कुत्तों के लिए यह फीस अलग होगी। मैस्टिफ और जर्मन शेफर्ड जैसे बड़े 40 प्रजाति के कुत्तों पर रोक लगाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।

लाइसेंस जरूरी होगा :

कगदाओ पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के अधिकारी झाओ जुन ने कहा कि कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी होगा। पंजीकरण गुरुवार से शुरू होगा और करीब 30 पशु अस्पतालों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, पशु और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की सलाह पर यह नीति बनाई गई है। छह माह के भीतर पंजीकरण न कराने वालों पर जुर्माना लगेगा या उनके पालतू कुत्ते को छीना भी जा सकता है। किंगदाओ निवासी वांग झू और सोंग वेनकांग का कहना है कि नए नियम पशुओं के हित में है, लेकिन फीस बहुत ज्यादा है। उनका कहना है कि टीकाकरण और पशुओं के खाने-पीने और देखभाल में पहले ही ज्यादा खर्च आता है। पीपुल्स डेली के मुताबिक, रेबीज के टीके के अलावा नजर रखने के लिए कुत्ते के गले में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाई जाएगी। ताकि कुत्ते के खोने पर उसका पता लगाया जा सके। इसमें कुत्ते के मालिक, प्रजाति जैसी जानकारी के अलावा उसके टीकाकरण की तारीख भी होगी।


किंगदाओ के अलावा चेंगदू और सिचुआन प्रांत में एक कुत्ते की नीति पहले से लागू है। हारबिन व हेलांगजांग प्रांत में 50 सेंटीमीटर से ऊंचे और 70 सेंटीमीटर से लंबे कुत्ते रखने की मनाही है। वर्ष 2011 में गुआंगदोंग प्रांत में शहरी इलाकों में पालतू कुत्तों पर पाबंदी लगाई गई, लेकिन विरोध के बाद आदेश वापस ले लिया गया।

झाओ का कहना है कि पशु प्रेमियों और उनसे न चाहने वालों के बीच अक्सर झगड़े होते हैं। कुछ कुत्ते सार्वजनिक स्थानों पर माहौल बिगाड़ देते हैं और उन्हें संभाल पाना मुश्किल होता है। कई सिनेमाघरों, क्लबों ने पालतू कुत्तों को साथ लाने पर पाबंदी भी लगा दी है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Sarkari Naukri

प्रयागराज में रह रहें सतीश को आज बाबूजी का फोन आया था। बोल रहे थे "अब हमारी सामर्थ्य नहीं कि तुमको घर से पइसा भेज सकें। अब कर्ज भी किससे लूं कोई देने को तैयार भी तो नहीं।" सतीश ने भारी मन से बोला "और एक महीना रूक जाइए बाबूजी       अगले महीना ही ssc की परीक्षा है। इस बार तैयारी भी अच्छी है। परीक्षा से पहले यदि घर चला गया तो घर पर पढ़ नहीं पाएंगे और सारी तैयारी चौपट हो जाएगी। इतने दिनों से जब भेज ही रहें हैं तो किसी तरह से बस एक महीने का और भेज दीजिए।" बात किसी तरह सतीश की माई तक पहुंच गई। माई ने तुरंत सतीश को फोन लगाया और बोली "तु चिंता मत करिहअ लाल इ बार बाबूजी ना भेजिहे त हम भेज देब । सतीश का एक बार मन हुआ कि पूछ लूं "कि माई तुम कहां से रूपया भेजबु ?" लेकिन सहम गया। और उनके दिलो-दिमाग में ये प्रश्न कोंधने लगा आखिरकार माई कहां से रूपया भेजेगी? माई अपनी गहना तो....... नहीं.. नहीं... नहीं। माई ऐसा नहीं करेंगी। सतीस को का मालूम माई कुछु कर देगी लाल के लिये 🙏🙏 बस सरकार को दिखाई नही देता माई और भाई का ये त्याग 🙏

सोमवार की व्रत कथा

                                सोमवार की व्रत कथा  

सुरीली का रिपोर्ट कार्ड

पापा आफिस में पहुंचे ही थे कि स्कूल से फोन आया! सुरीली आवाज में एक मैम बोलीं – “सर! आप की बेटी जो सेकंड क्लास में है, मैं उसकी क्लास टीचर बोल रहीं हूँ। आज पैरंट्स टीचर मीटिंग है। रिपोर्ट कार्ड दिखाया जाएगा। आप अपनी बेटी के साथ टाईम से पहुंचें।”.. बेचारे पापा क्या करते। आदेश के पाबंद… तुरंत छुट्टी लेकर, घर से बेटी को लेकर स्कूल पहुंच गए। सामने गुलाबी साड़ी पहने,छोटी सी बिंदी लगाए, नयी उम्र की, गोरी सी लेकिन बेहद तेज मैम बैठी थी। पापा कुछ बोल पाते कि इससे पहले लगभग डांटते हुए बोलीं -” आप अभी रुकिए, मैं आप से अलग बात करूंगी।” पापा ने बेटी की तरफ देखा, और दोनों चुपचाप पीछे जाकर बैठ गए। “मैम बहुत गुस्से में लगती हैं” – बेटी ने धीरे से कहा। “तुम्हारा रिपोर्ट कार्ड तो ठीक है” – उसी तरह पापा भी धीरे से बोले। “पता नहीं पापा, मैंने तो देखा नहीं। “-बेटी ने अपना बचाव किया। “मुझे भी लगता है, आज तुम्हारी मैम तुम्हारे साथ मेरी भी क्लास लेंगी।” – पापा खुद को तैयार करते हुए बोले। वो दोनों आपस में फुसफुसा ही रहे थे कि तभी मैम खाली होकर बोलीं – “हाँ! अब आप दोनों भी आ जाइए। पापा किसी तरह उस शह