सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

गाय बिकी तो सांड ने मचाया बवाल, डिप्टी CM के बेटे ने दोनों को मिलवाया

                

                                      लॉकडाउन में मुनियांदी को भारी आर्थिक दिक्कत का सामना करना पड़ा. उसने लक्ष्मी गाय को 20,000 रुपए में बेच दिया. गाय को ले जाने के लिए मिनी ट्रक पर लादा गया. मंजामलि सांड ने ये दृश्य देखा तो वो वाहन का रास्ता रोकने के लिए अड़ गया. एक घंटे तक उसने वाहन का रास्ता ब्लॉक रखा.

  • एक किमी. तक दौड़ता रहा सांड
  • गाय को ले जा रहा था नया मालिक
  • डिप्टी सीएम के बेटे ने मिलाया
ये प्रेम कहानी एक गाय और सांड की है! दोनों का बरसों का साथ था. लेकिन गाय को एक दिन बेच दिया गया. गाय को नया मालिक मिनी ट्रक पर साथ ले जाने लगा तो सांड को ये बर्दाश्त नहीं हुआ, वो वाहन के पीछे ही भागने लगा.

सांड का नाम मंजामलि है और वो मदुरै के पालामेदु मंदिर का है. उसके साथ ही लक्ष्मी नाम की गाय पली बड़ी थी. लक्ष्मी की देखभाल मुनियांदी नाम का शख्स करता था.

आर्थिक तंगी की वजह से बेचनी पड़ी गाय

लॉकडाउन में मुनियांदी को भारी आर्थिक दिक्कत का सामना करना पड़ा. उसने लक्ष्मी गाय को 20,000 रुपए में बेच दिया. गाय को ले जाने के लिए मिनी ट्रक पर लादा गया. मंजामलि सांड ने ये दृश्य देखा तो वो वाहन का रास्ता रोकने के लिए अड़ गया. एक घंटे तक उसने वाहन का रास्ता ब्लॉक रखा.

सांड ने किया पीछा

किसी तरह वाहन को निकलने का रास्ता मिला तो मंजामलि ने एक किलोमीटर तक उसका पीछा किया. आखिरकार थक कर वो हार गया और वाहन का पीछा करना छोड़ दिया.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

किसी शख्स ने इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया. भावुक करने वाला ये वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Sarkari Naukri

प्रयागराज में रह रहें सतीश को आज बाबूजी का फोन आया था। बोल रहे थे "अब हमारी सामर्थ्य नहीं कि तुमको घर से पइसा भेज सकें। अब कर्ज भी किससे लूं कोई देने को तैयार भी तो नहीं।" सतीश ने भारी मन से बोला "और एक महीना रूक जाइए बाबूजी       अगले महीना ही ssc की परीक्षा है। इस बार तैयारी भी अच्छी है। परीक्षा से पहले यदि घर चला गया तो घर पर पढ़ नहीं पाएंगे और सारी तैयारी चौपट हो जाएगी। इतने दिनों से जब भेज ही रहें हैं तो किसी तरह से बस एक महीने का और भेज दीजिए।" बात किसी तरह सतीश की माई तक पहुंच गई। माई ने तुरंत सतीश को फोन लगाया और बोली "तु चिंता मत करिहअ लाल इ बार बाबूजी ना भेजिहे त हम भेज देब । सतीश का एक बार मन हुआ कि पूछ लूं "कि माई तुम कहां से रूपया भेजबु ?" लेकिन सहम गया। और उनके दिलो-दिमाग में ये प्रश्न कोंधने लगा आखिरकार माई कहां से रूपया भेजेगी? माई अपनी गहना तो....... नहीं.. नहीं... नहीं। माई ऐसा नहीं करेंगी। सतीस को का मालूम माई कुछु कर देगी लाल के लिये 🙏🙏 बस सरकार को दिखाई नही देता माई और भाई का ये त्याग 🙏

सोमवार की व्रत कथा

                                सोमवार की व्रत कथा  

शाहजहां की असलियत

शाहजहां की असलियत ================ शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज के मरने के बाद अपनी बेटी जहाँनारा को अपनी पत्नी बनाया  हमें इतिहास में ये क्यों नही पढ़ाया गया??? चलिए जानते है #वामपंथी इतिहासकारो ने कैसे #हवस के शहंशाह को प्रेम का मसीहा बताया देश के इतिहास में वामपंथी इतिहासकारों ने हवस में डूबे मुगलों को हमेशा महान बताया जिसमे से एक शाहजहाँ को प्रेम की मिसाल के रूप पेश किया जाता रहा है और किया भी क्यों न जाए, आठ हजार औरतों को अपने हरम में रखने वाला अगर किसी एक में ज्यादा रुचि दिखाए तो वो उसका प्यार ही कहा जाएगा।   आप यह जानकर हैरान हो जाएँगे कि मुमताज का नाम मुमताज महल था ही नहीं, बल्कि उसका असली नाम ‘अर्जुमंद-बानो-बेगम’ था और तो और जिस शाहजहाँ और मुमताज के प्यार की इतनी डींगे हाँकी जाती है वो शाहजहाँ की ना तो पहली पत्नी थी ना ही आखिरी । मुमताज शाहजहाँ की सात बीबियों में चौथी थी। इसका मतलब है कि शाहजहाँ ने मुमताज से पहले 3 शादियाँ कर रखी थी और मुमताज से शादी करने के बाद भी उसका मन नहीं भरा तथा उसके बाद भी उसने 3 शादियाँ और की, यहाँ तक कि मुमताज के मरने के एक हफ्त