शाहजहां की असलियत ================ शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज के मरने के बाद अपनी बेटी जहाँनारा को अपनी पत्नी बनाया हमें इतिहास में ये क्यों नही पढ़ाया गया??? चलिए जानते है #वामपंथी इतिहासकारो ने कैसे #हवस के शहंशाह को प्रेम का मसीहा बताया देश के इतिहास में वामपंथी इतिहासकारों ने हवस में डूबे मुगलों को हमेशा महान बताया जिसमे से एक शाहजहाँ को प्रेम की मिसाल के रूप पेश किया जाता रहा है और किया भी क्यों न जाए, आठ हजार औरतों को अपने हरम में रखने वाला अगर किसी एक में ज्यादा रुचि दिखाए तो वो उसका प्यार ही कहा जाएगा। आप यह जानकर हैरान हो जाएँगे कि मुमताज का नाम मुमताज महल था ही नहीं, बल्कि उसका असली नाम ‘अर्जुमंद-बानो-बेगम’ था और तो और जिस शाहजहाँ और मुमताज के प्यार की इतनी डींगे हाँकी जाती है वो शाहजहाँ की ना तो पहली पत्नी थी ना ही आखिरी । मुमताज शाहजहाँ की सात बीबियों में चौथी थी। इसका मतलब है कि शाहजहाँ ने मुमताज से पहले 3 शादियाँ कर रखी थी और मुमताज से शादी करने के बाद भी उसका मन नहीं भरा तथा उसके बाद भी उसने 3 शादियाँ और की, यहाँ तक कि मुमताज के मरने के एक हफ्त
you may create different types of knowledge to visit my website..you may ask a question ... I solve it very soon. .. and also enjoy a short story and short poem , love story.love guru tipes , .